The Greatest Guide To Shodashi
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हरिप्रियानुजां वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥७॥
The Mahavidya Shodashi Mantra supports psychological steadiness, promoting therapeutic from past traumas and interior peace. By chanting this mantra, devotees come across release from adverse feelings, creating a well balanced and resilient mindset that helps them facial area daily life’s problems gracefully.
आर्त-त्राण-परायणैररि-कुल-प्रध्वंसिभिः संवृतं
यदक्षरैकमात्रेऽपि संसिद्धे स्पर्द्धते नरः ।
The exercise of Shodashi Sadhana is really a journey toward each satisfaction and moksha, reflecting the twin nature of her blessings.
शैलाधिराजतनयां शङ्करप्रियवल्लभाम् ।
सर्वज्ञादिभिरिनदु-कान्ति-धवला कालाभिरारक्षिते
ब्रह्माण्डादिकटाहान्तं जगदद्यापि दृश्यते ॥६॥
या देवी हंसरूपा भवभयहरणं साधकानां विधत्ते
श्रीचक्रान्तर्निषण्णा गुहवरजननी दुष्टहन्त्री वरेण्या
यह देवी अत्यंत सुन्दर रूप वाली सोलह वर्षीय युवती के रूप में विद्यमान हैं। जो तीनों लोकों (स्वर्ग, पाताल तथा पृथ्वी) में सर्वाधिक सुन्दर, मनोहर, चिर यौवन वाली हैं। जो click here आज भी यौवनावस्था धारण किये हुए है, तथा सोलह कला से पूर्ण सम्पन्न है। सोलह अंक जोकि पूर्णतः का प्रतीक है। सोलह की संख्या में प्रत्येक तत्व पूर्ण माना जाता हैं।
श्रीगुहान्वयसौवर्णदीपिका दिशतु श्रियम् ॥१७॥
Celebrations like Lalita Jayanti highlight her significance, wherever rituals and choices are made in her honor. The goddess's grace is thought to cleanse earlier sins and lead a person in the direction of the last word intention of Moksha.
श्रीमत्सिंहासनेशी प्रदिशतु विपुलां कीर्तिमानन्दरूपा ॥१६॥